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ग्रामीण महिलाओं के लिए नई राह : MSDE और ग्रामीण विकास मंत्रालय में हुआ ऐतिहासिक MOU

New Delhi : ग्रामीण भारत में आजीविका को सशक्त करने और महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के तहत,  ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के बीच नई दिल्ली के कृषि भवन में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
दोनों मंत्रालयों के बीच हुए इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की तकनीकी विशेषज्ञता और संस्थागत संरचना को, दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की व्यापक जमीनी पहुंच और क्रियान्वयन क्षमताओं के साथ जोड़ कर, ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अवसरों को सशक्त बनाना है।
इसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों की  महिलाओं के कौशल, बाज़ार पहुंच और उद्यमशीलता क्षमताओं को इस प्रकार विकसित करना है कि वे वैश्विक कार्यबल का हिस्सा बन सकें। दोनों मंत्रालयों के कौशल विकास और उद्यमिता कार्यक्रमों के प्रति जागरूकता फैलाना, और इन पहलों को स्थानीय बाज़ार की ज़रूरतों व भविष्य के अवसरों से जोड़ना इस प्रयास का महत्वपूर्ण भाग है। इस साझेदारी के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों की   महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनने में सक्षम बनाने के लिए मांग-आधारित कौशल प्रशिक्षण और व्यवहारिक उद्यमिता विकास को प्राथमिकता दी गई है। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रशिक्षण मॉड्यूल और पाठ्यक्रम स्थानीय संदर्भों के अनुरूप हों और उभरते नौकरी बाज़ारों व भविष्य के कौशलों की आवश्यकताओं को पूरा करें। स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं और प्रशिक्षकों को उनके कौशल का औपचारिक प्रमाणन दिया जाएगा। साथ ही, वित्तीय साक्षरता, बाज़ार संपर्क, कानूनी अनुपालन, व्यवसाय विकास और परामर्श जैसी सेवाओं के माध्यम से उन्हें सम्पूर्ण रूप से सक्षम बनाया जाएगा।
यह साझेदारी न केवल ग्रामीण समुदायों की आर्थिक आकांक्षाओं को पूरा करेगी, बल्कि उद्यमिता को बढ़ावा देने और परिणाम आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण परिवारों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निर्णायक होगी। यह साझेदारी दोनों मंत्रालयों की साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को उन्नत कौशल प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास, और रोजगार के स्थायी अवसर प्रदान करना है।
समझौत ज्ञापन के इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  जयन्त चौधरी तथा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं संचार मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. चन्द्र शेखर पेम्मासानी भी उपस्थित रहे।
यह समझौता ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत /2047’ के विज़न को साकार करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विविधीकरण और सतत विकास को प्राथमिकता दी गई है। दोनों मंत्रालय मिलकर स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, उन्हें ‘लखपति दीदी’ जैसे अभियानों के माध्यम से उच्च आय वर्ग में लाने, और स्थानीय बाज़ारों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य करेंगे। इस साझेदारी के द्वारा स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को डिजिटल और वित्तीय साक्षरता, बाज़ार से जोड़ना; कानूनी समझ, और व्यवसाय विकास जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित करना; सिद्ध पोर्टल के माध्यम से प्रमाणन प्रदान कर कौशल को औपचारिक मान्यता देना; आईटीआई, जन शिक्षण संस्थान, आरएसईटीआई और निसबड जैसी संस्थाओं के नेटवर्क का उपयोग करते हुए प्रशिक्षण को ज़मीनी स्तर  पर पहुंचाना शामिल है। इसके साथ ही इस साझेदारी के द्वारा संयुक्त रूप से जागरूकता अभियान, गांव स्तरीय शिविर, और उद्यमिता मेलों का आयोजन भी किया जाएगा।

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