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एक नए अध्ययन में पता चला है कि नियमित रूप से बादाम खाने से एक्सरसाइज के बाद दर्द और मांसपेशियों की क्षति को कम करते हुए रिकवरी में मदद मिल सकती है। वहीं मांसपेशी भी अच्छी तरह काम करती हैं। ऐसा खाना जो एक्सरसाइज की वजह से होने वाली मांसपेशियों की थकान और दर्द को कम करते हुए ठीक होने में मदद करते हैं, उससे लोगों को एक्सरसाइज की अपनी दिनचर्या पर कायम रहने में मदद मिल सकती है।
ये नए परिणाम वैज्ञानिक प्रमाणों की लगातार बढ़ रही संख्याा में शामिल है जिनमें बताया गया है कि एक्सरसाइज के बाद बादाम रिकवरी में कैसे असर दिखाता है। पहले के अध्ययनों में थकान और एक्सरसाइज मेटाबॉलिज्म़ पर बादाम के प्रभावों के बारे में पड़ताल की गई। साथ ही बादाम खाने से मांसपेशियों के दर्द और क्षमता पर बादाम खाने के प्रभाव के बारे में पता लगाया गया।
करेंट डेवलपमेंट्स इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित और आमंड बोर्ड ऑफ कैलिफोर्निया द्वारा वित्तपोषित इस नए अक्रमिक क्रॉसओवर अध्ययन में हफ्ते में एक से चार घंटे अध्ययन करने वाले 26 मध्यम आयु-वर्ग के वयस्कों पर शोध किया गया। स्वस्थ या थोड़े ओवरवेट (बॉडी मास इंडेक्स,(बीएमआई) 23-30) उन वयस्कों ने आठ हफ्तों तक रोजाना दो औंस (57 ग्राम) साबुत बादाम खाया या कैलोरी अनुकूल (तीन औंस/86 ग्राम) अनसॉल्टेड प्रेट्जेल खाया। आठ हफ्तों तक बादाम खाने या चार हफ्तों के वॉशआउट अवधि के साथ दो अंतराल के बीच में नियंत्रित रूप से खाना खाने के बाद अध्ययन में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों ने मांसपेशियों की क्षति को बढ़ाने के लिए 30-मिनट का डाउनहिल ट्रेडमिल रन किया। इसके तुरंत बाद ही उन्हें रोजाना का दो औंस (57ग्राम) बादाम या कैलोरी अनुकूल प्रेट्जेल दिए गए। ट्रेडमिल पर दौड़ लगाने के बाद उन प्रतिभागियों ने तीन दिनों तक अपने रोजाना की बादाम या प्रेट्जेल की मात्रा ली।
शोधकर्ताओं ने ट्रेडमिल पर दौड़ने से पहले और ट्रेडमिल पर दौड़ लगाने के 24 घंटे , 48 घंटे और 72 घंटों के बाद प्रतिभागियों के मांसपेशियों के दर्द, उसकी परफॉर्मेंस (मांसपेशियों के सिकुड़न परीक्षण और वर्टिकल जम्प के माध्यम से मूल्यांकन किया गया) तथा मांसपेशियों की क्षति/सूजन (क्रिएटिन काइनेज, सी-रिएक्टिव प्रोटीन, मायोग्लोबिन और एंटीऑक्सीडेंट क्षमता) के रक्त संकेतों का पता लगाया।
मांसपेशियों की क्षति और सूजन के बायोकेमिकल संकेतक (जैसे सी-रिएक्टिव प्रोटीन, मायोग्लोबिन संकुचन और कुल एंटीऑक्सीडेंट क्षमता) में कोई अंतर नहीं आया था। यह अध्ययन धूम्रपान ना करने वाले वयस्कों पर किया गया था जोकि हफ्ते में एक से चार घंटे एक्सरसाइज करते थे और उनका वजन सेहतमंद था या वे थोड़े ओवरवेट थे। इसलिए ये परिणाम अन्य इलाकों और स्वास्थ्य लक्षणों वाले लोगों पर लागू नहीं होता। आगे होने वाले अध्ययनों में रिकवरी की लंबी अवधि की माप को भी शामिल किया जाना चाहिए।
डॉ. मार्क केरेन, पीएचडी, आरडी, सैन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी में एक्सरसाइज एवं न्यूट्रिशनल साइंसेस के प्रोफेसर ने कहा, “हमारा अध्ययन फिटनेस रिकवरी में बादाम की मददगार भूमिका पर थोड़ी और रोशनी डालता है। बादाम में काफी सारे पोषक तत्व होते हैं, जिन्हें हम एक्सरसाइज रिकवरी में मददगार मानते हैं। उनमें शामिल हैं प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स। इन पोषक तत्वों को पूरे फूड पैकेज के रूप में दिया जाता है, ना कि विटामिन सप्लीमेंट के रूप में जोकि इस अध्ययन में बादाम के पाए गए फायदों में अपना योगदान दे सकता है।
बादाम का एक औंस (28 ग्राम) 6 ग्राम प्रोटीन, 4 ग्राम फाइबर, 13 ग्राम अनसैचुरेटेड फैट, 77 मिलीग्राम मैग्नीशियम (18.3 प्रतिशत डीवी), 210 मिलीग्राम पोटेशियम (4 प्रतिशत डीवी) और 7.27 मिलीग्राम विटामिन ई (50 प्रतिशत डीवी) समेत केवल 1 ग्राम सैचुरेटेड फैट और 15 आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, जो इसे सेहतमंद सक्रिय जीवनशैली के लिए एक बेहतरीन स्नैक बनाता है।
डॉ. केरेन कहते हैं, बादाम एक्सरसाइज रिकवरी को किस तरह बेहतर बनाता है, इस प्रक्रिया को समझने के लिए और भी ज्यादा शोध की जरूरत है। एक्सरसाइज रिकवरी को बेहतर बनाने के लिए रणनीति बनाना जरूरी है, क्योंकि जितनी अच्छी तरह आप रिकवर होंगे उतनी ही जल्दी या मजबूत रूप आगे के वर्कआउट के लिए तैयार हो पाएंगे।
अध्ययन का निष्कर्ष: आठ हफ्तों तक दो औंस (57 ग्राम) बादाम को स्नैक के रूप में खाने से दर्द की तीव्रता में काफी कमी आई, मांसपेशियों की ताकत को बनाए रखने में मदद मिली और एक्सरसाइज के बाद मांसपेशियों की क्षति कम पाई गई।
नए प्रकाशित अध्ययन के बारे में न्यूट्रिशन एवं वेलनेस कंसल्टेंट शीला कृष्णास्वामी ने कहा, बादाम पोषण का भंडार होता है। हाल के प्रकाशित शोध में कभी-कभी सक्रिय रहने वाले स्वस्थ या थोड़े ओवरवेट वयस्कों में मांसपेशियों की रिकवरी में बादाम की भूमिका को लेकर रोशनी डाली गई। इससे यह पता चलता है कि दो महीनों तक दो औंस रोजाना बादाम खाने से मांसपेशियों का दर्द और क्षति उन लोगों में काफी हद तक कम हो जाती है जोकि कभी-कभार एक्सरसाइज करते हैं। प्रतिभागियों ने क्रिएटिन काइनेज के स्तर में कमी (मांसपेशियों को होने वाले नुकसान का एक संकेतक) का अनुभव किया, क्रिएटिन काइनेज के स्तर में तेजी से गिरावट आई जो तेज गति से रिकवरी, मांसपेशियों की परफॉर्मेंस में सुधार और व्यायाम के 72 घंटे बाद भी दर्द में कमी का संकेत हो सकता है। इससे यह पता चलता है कि बादाम प्रभावी रूप से मांसपेशियों के दर्द को कम कर सकता है, ताकत को बढ़ा सकता है और रिकवरी को तेज करने में मदद कर सकता है। यही बात बादाम को कभी-कभार सक्रिय रहने वाले लोगों के आहार में एक महत्वपूर्ण एडिशन बनाता है।“
रोहिणी पाटिल, एमबीबीएस एवं न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है, हाल के शोध बताते हैं कि रोजाना दो औंस बादाम खाने से मांसपेशियों का दर्द काफी हद तक कम हो सकता है, रिकवरी बेहतर हो सकती है और एक्सरसाइज परफॉर्मेंस में सुधार हो सकता है। ये छोटा-सा दमदार नट जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर है जैसे प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, फाइबर और आवश्यक विटामिन तथा मिनरल्स। यही बात बादाम को किसी भी फिटनेस दिनचर्या में शामिल होने के लिए सटीक बनाता है। नियमित रूप से बादाम खाने से मांसपेशियों के दर्द को कम करने, मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने में और वर्कआउट के बाद तुरंत रिकवरी करने में मदद मिल सकती है। इससे आप और भी मजबूती के साथ वापसी सकते हैं। शरीर को पोषण और तेज रिकवरी देकर बादाम आपके फिटनेस के लक्ष्यों को पाने में एक बेहतरीन साथी बनता है।
रितिका समद्दर, रीजनल हेड, क्लीनिकल न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स, मैक्स हेल्थकेयर- नई दिल्ली का कहना है, “बादाम पोषण का भंडार होता है। हाल के प्रकाशित शोध में कभी-कभार सक्रिय रहने वाले स्वस्थ या थोड़े ओवरवेट वयस्कों में मांसपेशियों की रिकवरी में बादाम की भूमिका को लेकर रोशनी डाली गई। इससे यह पता चलता है कि दो महीनों तक दो औंस रोजाना बादाम खाने से मांसपेशियों का दर्द और क्षति उन लोगों में काफी हद तक कम हो जाता है जोकि कभी-कभार एक्सरसाइज करते हैं।