पुष्कर कुंभ का अंतिम स्नान हुआ संपन्न,श्रद्धालुओं ने आखिरी दिव्य स्नान कर लगाई आस्था की पवित्र डुबकी

चमोली: भारत के अंतिम ऋतु प्रवासी पर्यटन तीर्थाटन गांव माणा मणि भद्र पुर में चल रहे 12 दिवसीय पुष्कर कुंभ स्नान का आज अंतिम दिव्य स्नान संपन्न हुआ। इस अवसर पर सरस्वती गंगा के तट पर आज देव पर्व पर श्रद्धालुओं ने इस पुष्कर कुंभ का आखिरी दिव्य स्नान कर आस्था की पवित्र डुबकी लगाई.इस देव पर्व पर प्रतिदिन हजारों की तादात में दक्षिण भारत के विभिन्न प्रांतों से बदरीपुरी के समीप केशव प्रयाग माणा में श्रद्धालु उमड़े। सदा निराली सरस्वती गंगा ओर अलकनंदा के पावन संगम तट केशव प्रयाग में हुआ पुष्कर कुंभ का विधिवत समापन। बता दें कि 12 साल बाद हुआ था केशव प्रयाग में पुष्कर कुंभ का आयोजन।
पुष्कर कुंभ मेला भारत का पहला गांव कहा जाने वाला उत्तराखंड के माणा गांव में विगत 12 दिनों से लगा हुआ था। माणा गांव को देवभूमि का द्वार भी कहा जाता है। पुष्कर कुंभ का आयोजन 16 मई से 25 मई 2025 तक हुआ। वहीं पुष्कर कुंभ का आयोजन द्वादशवर्षीय चक्र में होता है और यह देश के पांच पुष्कर क्षेत्रों में से एक प्रसिद्ध क्षेत्र माणा गांव में आयोजित किया जाता है। यह कुंभ न केवल आध्यात्मिक उन्नयन का अवसर होता है, बल्कि यहां साधु-संतों, योगियों, और तीर्थयात्रियों का विशाल जमावड़ा भी देखने को मिलता है. इस पुष्कर कुंभ के दौरान पिंड दान, तर्पण, से लेकर विशेष स्नान पर्व, हवन, पूजन, धार्मिक प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस देव उत्सव में माणा वैली पिछले 12 दिनों से परंपरा और भक्ति के रंगों से सराबोर रही है।