टोयोटा किर्लाेस्कर मोटर ने ओहमियम के साथ समझौता किया

New Delhi : टोयोटा किर्लाेस्कर मोटर ने बेंगलुरु स्थित ओहमियम इंटरनेशनल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर दस्तखत किये। इसके जरिये कंपनी ने कार्बन तटस्थता और स्वच्छ ऊर्जा नवाचार के प्रति अपनी कटिबद्धता को मजबूत किया है जो भारत में ग्रीन हाइड्रोजन -आधारित एकीकृत ऊर्जा समाधानों के सह-विकास के लिए है। इसके तहत एक अग्रणी पीईएम, ओहमियम इंटरनेशनल के साथ हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी प्रदाता के साथ समझौता ज्ञापन किया गया है। इस रणनीतिक करार में टोयोटा की फुएल सेल टेक्नालॉजी और भविष्य के स्वच्छ ईंधन के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन को आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है। यह गतिशील और स्थिर अनुप्रयोगों में एक मजबूत हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कंपनी के अथक प्रयासों पर प्रकाश डालता है ।
भारत ने 2047 तक ऊर्जा के मामले में स्वतंत्र होने और 2070 तक शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, सभी आर्थिक क्षेत्रों में अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाना देश में ऊर्जा परिवर्तन का केंद्र बिंदु है। ग्रीन हाइड्रोजन इस बदलाव का समर्थन करने के लिए एक आशाजनक विकल्प के रूप में उभर रहा है। यह लंबी अवधि तक अक्षय ऊर्जा भंडारण, उद्योग में जीवाश्म ईंधन के प्रतिस्थापन, खासकर उन क्षेत्रों के लिए जो उपयोग कम करने के लिहाज से मुश्किल हैं, स्वच्छ परिवहन और विकेन्द्रीकृत बिजली उत्पादन की क्षमता प्रदान करता है। इस नजरिये के अनुरूप, भारत सरकार ने 2023 में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुरू किया, जिसका उद्देश्य स्थानीय निवेश और आत्मनिर्भरता के लिए अनुसंधान एवं विकास द्वारा समर्थित एक मजबूत हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। इस नजरिये से तालमेल करते हुए टीकेएम अपने वैश्विक, टोयोटा की पर्यावरण चुनौती 2050 द्वारा निर्देशित स्वच्छ ऊर्जा प्रयासों को आगे बढ़ाने में अग्रणी रहा है। यह समझौता ज्ञापन भारत के ऊर्जा परिवर्तन रोडमैप के समर्थन में हाइड्रोजन की पूरी क्षमता को हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है ।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय मंत्री, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय – भारत सरकार, नितिन गडकरी ने कहा, एक स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा स्रोत के रूप में हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन माना जाता है – जो आत्मनिर्भर और कार्बन-तटस्थ भारत के निर्माण की कुंजी है। इस दिशा में, भारत सरकार ऊर्जा और परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचारों को बढ़ावा देते हुए कई प्रगतिशील पहल करती रही है। विशेष रूप से, कई अग्रणी उद्योग, स्टार्ट-अप और शोधकर्ता हाइड्रोजन क्षेत्र में नए अवसरों को खोल रहे हैं, जिसका लक्ष्य कई क्षेत्रों में स्थिरता को बढ़ावा देना है।
एमओयू एक्सचेंज के दौरान उपस्थित, केंद्रीय राज्य मंत्री, नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्रालय – भारत सरकार, श्रीपद येसो नाइक ने कहा, भारत के निम्न कार्बन वाली अर्थव्यवस्था में पारगमन के लिए देश में विकसित ऐसे समाधानों को बढ़ावा देने वाली पहल जरूरी हैं जो स्केलेबल हैं।
टीकेएम और ओहमियम के बीच समझौता ज्ञापन पर टिप्पणी करते हुए, दिल्ली सरकार के उद्योग, खाद्य एवं आपूर्ति, पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री, मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, भारत पर्यावरण नेतृत्व में लगातार मजबूत कदम उठा रहा है, ऐसे में इस तरह की पहल जमीनी स्तर पर निरंतर चलते रहने वाले परिवर्तन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।