देश

THE वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025: अमृता विद्यापीठम ने दुनिया के टॉप 50 संस्थानों में बनाई जगह

अमृता विश्व विद्यापीठम (अमृता यूनिवर्सिटी) ने टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) इम्पैक्ट रैंकिंग 2025 में दुनिया की टॉप 50 यूनिवर्सिटीज़ में जगह बनाई है।

THE रैंकिंग्स दुनियाभर की यूनिवर्सिटीज़ का मूल्यांकन संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) पर उनकी प्रगति के आधार पर करती हैं।

नई दिल्ली:  18 जून 2025 को जारी THE वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में अमृता विश्व विद्यापीठम दुनिया की टॉप 50 यूनिवर्सिटीज़ में शामिल होने वाला भारत का एकमात्र उच्च शिक्षा संस्थान बना है। अमृता ने 41वीं ग्लोबल रैंक हासिल की है और यह अब संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) पर प्रभाव के मामले में भारत की नंबर 1 यूनिवर्सिटी बन गई है। पिछले साल इसकी रैंकिंग 81वीं थी।

यूनिवर्सिटी ने SDG 4 (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा) के लिए दुनिया भर में 5वीं और SDG 7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा) के लिए 6वीं रैंक हासिल की है, जो इसे इन क्षेत्रों में विश्व की सबसे बेहतर यूनिवर्सिटीज़ में स्थापित करती है। इसके अलावा SDG 5 (लैंगिक समानता) के लिए इसे 14वीं और SDG 3 (स्वास्थ्य और कल्याण) के लिए 29वीं रैंक मिली है। ये रैंकिंग्स अमृता विश्व विद्यापीठम के लिए समावेशी और समान विकास के महत्वपूर्ण संकेत हैं।

अमृता विश्व विद्यापीठम की प्रोवोस्ट और यूनस्को की चेयर (अनुभव आधारित सीख और सतत नवाचार)  डॉ. मनीषा वी. रमेश ने कहा, “हमें यह अंतरराष्ट्रीय पहचान अपनी चांसलर अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) के दूरदर्शी मार्गदर्शन की वजह से मिली है। अम्मा हमेशा करुणा, सेवा और विज्ञान को सबसे ज़रूरी मानती हैं, और यही अमृता यूनिवर्सिटी का मूल आधार है। यह रैंकिंग्स दिखाती हैं कि हम दिल से यह कोशिश कर रहे हैं कि दुनिया में बदलाव लाया जाए। ये बदलाव ऐसे इनोवेशन और एक्सपेरिमेंटल एजुकेशन के ज़रिए आए जो न सिर्फ़ रिसर्च में आगे हो, बल्कि ज़मीन पर लोगों की ज़िंदगी भी बेहतर बनाएं।”

इस रैंकिंग में अमृता यूनिवर्सिटी को कई प्रमुख क्षेत्रों में पूरे नंबर मिले। जैसे  हर उम्र के लोगों के लिए सीखने के प्रोग्राम, गरीब और दूर-दराज़ के लोगों के लिए स्किल ट्रेनिंग और ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स आदि। यूनिवर्सिटी ने महिलाओं को बराबरी का मौका देने, साफ ऊर्जा और पानी को बचाने, और पढ़ाई में SDG जैसे अच्छे कामों को जोड़ने में भी बहुत अच्छा काम किया है। इन सबके बीच Live-in-Labs नाम का प्रोग्राम सबसे खास है, जिसके ज़रिए 25 राज्यों में 150 से ज़्यादा गांवों और इलाकों में असल बदलाव लाए गए हैं।

THE इम्पैक्ट रैंकिंग्स यूनिवर्सिटीज़ का मूल्यांकन 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) के आधार पर करती हैं। इसमें देखा जाता है कि यूनिवर्सिटी रिसर्च, समाज से जुड़ाव, संसाधनों की देखभाल और पढ़ाई के ज़रिए क्या योगदान दे रही है। जहां पारंपरिक रैंकिंग्स सिर्फ पढ़ाई और नाम पर ध्यान देती हैं, वहीं THE इम्पैक्ट रैंकिंग्स यह देखती हैं कि यूनिवर्सिटी असल दुनिया में टिकाऊ विकास के लिए कितना काम कर रही है। आज के समय में जब यूनिवर्सिटीज़ को दुनियाभर की बड़ी समस्याओं से निपटने में मदद करनी है। ऐसे में यह रैंकिंग दिखाती है कि वे किस तरह अंतरराष्ट्रीय विकास लक्ष्यों के साथ मिलकर समाज में असली और सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। इस साल की इम्पैक्ट रैंकिंग अब तक की सबसे ज़्यादा प्रतिस्पर्धा वाली रही। अबकी बार 130 देशों की 2,540 से ज़्यादा यूनिवर्सिटीज़ ने हिस्सा लिया। सबसे ज्यादा भारत से 148 यूनिवर्सिटीज़ ने इस रैंकिंग में हिस्सा लिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button