देश

कंगना रनौत के बयान पर हिमाचल से हरियाणा तक संग्राम, कहीं निंदा प्रस्ताव पास तो कहीं विरोध-प्रदर्शन…

भाजपा सांसद कंगना रनौत के किसानों पर दिए गए बयान के खिलाफ विपक्ष ने मंगलवार को भी अपना हमला जारी रखा।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कंगना के बयान की निंदा करने के लिए कांग्रेस समर्थित एक प्रस्ताव पारित किया गया, जबकि आम आदमी पार्टी ने हरियाणा के विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया।

हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद रनौत ने हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ को दिए साक्षात्कार की एक क्लिप साझा की थी, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर देश में मजबूत नेतृत्व नहीं होता, तो भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि अब निरस्त हो चुके 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान शव लटक रहे थे और बलात्कार हो रहे थे। उन्होंने इस साजिश में चीन और अमेरिका के शामिल होने का आरोप लगाया।

कंगना रनौत की टिप्पणी को लेकर उनके कांग्रेस शासित कंगना के गृह राज्य हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में तीखी बहस हुई, क्योंकि सदन ने टिप्पणी की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। हरियाणा में 1 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं।

इसके मद्देनजर विपक्ष ने इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा। AAP की हरियाणा यूनिट ने रनौत की टिप्पणी के खिलाफ राज्य में विरोध प्रदर्शन किया।

आप के एक नेता ने कहा कि उनका बयान किसानों के प्रति भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है। आप नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जींद, यमुनानगर और पंचकूला समेत कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया।

‘भाजपा किसानों के लिए दिखावटी वादा कर रही’

शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने भी रनौत पर निशाना साधा। उन्होंने उम्मीद जताई कि वह अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगेंगी और भाजपा इस पर खेद व्यक्त करेगी। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर जारी पोस्ट में कहा, ‘कंगना रनौत ने किसानों के खिलाफ अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगी है।

भाजपा के बयान में किसानों के खिलाफ उनके द्वारा लगाए गए आरोपों पर कोई खेद नहीं जताया गया है। वह भाजपा की सदस्य और सांसद हैं।

अगर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो यह कहना उचित होगा कि भाजपा किसानों के लिए केवल दिखावटी वादा कर रही है।’

भाजपा ने सोमवार को रनौत के बयान से असहमति जताते हुए किनारा कर लिया। पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान पार्टी का मत नहीं है। भाजपा कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है।

पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं।’

बयान में कहा गया कि भाजपा की ओर से कंगना रनौत को निर्देश दिया गया है कि वे इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें। ठाकुर ने कहा कि भाजपा पार्टी नेतृत्व के साथ है और परंपरा के अनुसार, सदन में मौजूद न रहने वाले व्यक्ति पर चर्चा नहीं की जा सकती।

कंगना रनौत की टिप्पणी से किसान आक्रोशित

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रस्ताव का समर्थन किया और कहा कि भाजपा को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आगे आना चाहिए था।

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि रनौत की टिप्पणी से किसान आक्रोशित हैं और भाजपा को अपने आचरण पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि अभिनेत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए, क्योंकि उनकी टिप्पणी से कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है। कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि कंगना को ऐसी टिप्पणी करने की आदत है।

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने उत्तेजित सदस्यों को शांत कराते हुए कहा कि कंगना रनौत की टिप्पणी की निंदा करने के लिए पेश प्रस्ताव सदन द्वारा पारित किया जाता है। अब आगे चर्चा की कोई आवश्यकता नहीं है।

आप की हरियाणा इकाई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने यमुनानगर जिले में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान तख्तियां ले रखी थी, जिसमें भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लिए गए थे।

इस बीच, आप की हरियाणा इकाई के प्रमुख सुशील गुप्ता ने टिप्पणी के लिए रनौत की आलोचना की और इसे शर्मनाक करार दिया। गुप्ता ने आरोप लगाया कि भाजपा किसानों से नफरत करती है, क्योंकि उन्होंने काले कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर किया।

AAP के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि रनौत पहले भी किसानों के बारे में ऐसे बयान देती रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह भाजपा की मानसिकता है, जो किसानों को गाली देने वालों को पद से सम्मानित करती है। गुप्ता ने आरोप लगाया कि यह भाजपा की किसानों के प्रति मानसिकता को उजागर करता है।

The post कंगना रनौत के बयान पर हिमाचल से हरियाणा तक संग्राम, कहीं निंदा प्रस्ताव पास तो कहीं विरोध-प्रदर्शन… appeared first on .

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button