उत्तराखण्डराज्य

नरभक्षी गुलदार की दहशत बरकरार; ड्रोन की मदद से खोज जारी

रुद्रप्रयाग। जखोली विकास खंड के डांडा चमसारी गांव की महिला को शिकार बनाने वाला गुलदार आठ दिन बाद भी वन विभाग की पकड़ से बाहर है। जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत बनी हुई है। इस मामले में वन विभाग गुलदार की खोजबीन ड्रोन कैमरे से कर रहा है, कैमरों में गुलदार ट्रैस तो रहा रहा है, लेकिन अभी तक विभाग द्वारा लगाए गए चार पिंजरों में से किसी भी पिजंरे के आस पास गुलदार की हरकत नहीं देखी गई है। जिसके चलते चारा पत्ति लेने जा रही महिलाएं भी वन विभाग के सुरक्षा कवच में जाने को मजबूर है।
30 मई को गुलदार ने डांडा चमसारी गांव की एक बुजर्ग महिला को शिकार बना दिया था, तब से लेकर आठ दिन बीत जाने के बाद भी वन विभाग के तमाम प्रयास के बावजूद गुलदार को नहीं पकड़ा जा सका है। उप प्रभागीय वनाधिकारी डा दिवाकर पंत ने बताया कि गुलदार को ट्रैस करने के लिए ड्रोन कैमरे का प्रयोग किया जा रहा है, इसके साथ ही लाइव कैमरा भी लगाए गए हैं।
20 टैप कैमरे लगाए गए हैं, चार पिंजरे लगाए गए हैं। गुलदार कैमरे में कैद हुआ है, लेकिन पिंजरे तक नहीं गया है। वन विभाग के बीस से अधिक कर्मचारी पूरे प्रभावित क्षेत्र में तैनात हैं, जिनके पास गुलदार को पकड़ने के लिए सभी जरूरी उपकरण हैं। 20 स्मार्ट स्टिक के साथ ही इलैक्ट्रिक करंट वाले स्टिक, जाली व दो पशुचिकित्सक भी तैनात किए गए हैं, जिसमें डा प्रमोद भूटानी, ट्रैनिक व अमित सिंह टीम साथ क्षेत्र में मौजूद हैं। एसडीओ पंत का कहना है कि पूरे प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है, घरों के आस पास की झाड़ियां काटने को कहा गया है, घरों में रात्रि के समय पर्याप्त उजाला करने, अंधेरे में बाहर न आने, जरूरत पड़ने पर पर्याप्त रोशनी के साथ समूह में आने को कहा जा रहा है।
वहीं आठ दिन बाद भी गुलदार को न पकड़े जाने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। क्षेत्र में गुलदार के मानव को शिकार बनाने के मामले आते रहते हैं, पिछले छह महीने में जिले में दो महिलाओं को गुलदार ने अपना शिकार बनाया है। वहीं वन विभाग ने फरवरी माह में हुई घटना के बाद गुलदार को पकड़ लिया था। ग्रामीण महिलाओं का आरोप है कि वन विभाग ने अभी तक गुलदार को नहीं पकड़ पाया है। जबकि गुलदार को नरभक्षी भी घोषित नही किया है।

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