उत्तराखण्ड

केदारनाथ यात्रा को लेकर घोड़े-खच्चरों के पंजीकरण 22 से शुरू

  • पंजीकरण को लेकर पशुपालन विभाग ने किया रोस्टर जारी  
    रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा में अहम भूमिका निभाने वाले घोड़े खच्चरों के पंजीकरण को लेकर कवायद शुरू हो गई है। पशुपालन विभाग ने आगामी 22 मार्च से घोड़ा-खच्चरों के पंजीकरण को लेकर रोस्टर जारी कर दिया है। जिला पंचायत एवं पशुपालन विभाग संयुक्त रूप से पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू करेगा।
    केदारनाथ धाम के कपाट दो मई आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। कपाट खोलने के घोषणा के बाद यात्रा से जुडे विभागों ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। पशुपालन विभाग ने केदारनाथ यात्रा में अहम भूमिका निभाने वाले घोडा-खच्चरों के पंजीकरण को लेकर कवायद शुरू कर दी है। जिला प्रशासन ने इस बार पांच हजार घोडा खच्चरों के संचालन की अनुमति दी है। पशुपालन विभाग ने जनपद के जखोली, अगस्त्यमुनि एवं ऊखीमठ ब्लॉक के विभिन्न स्थानों पर शिविरों के आयोजन को लेकर रोस्टर जारी कर दिया है। ताकि केदारनाथ पैदल मार्ग पर सवारी एवं आवश्यक सामग्री के लिए प्रयोग किए जाने वाले घोेडा-खच्चरों के स्वास्थ्य परीक्षण, बीमा, ग्लैण्डर्स रोग की सेंपलिंग के बाद पंजीकरण किया जाएगा।
    मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. आशीष रावत ने बताया कि 22 मार्च को पिठोरा, 23 मार्च को बडासू, 24 मार्च को जखोली बड़मा व चन्द्रापुरी, 25 मार्च को सीतापुर व बक्सीर बांगर, 26 मार्च को मनसूना, 27 मार्च को मनसूना, 28 मार्च को सिरसोली, 29 मार्च को छेनागाड व सल्या, 30 मार्च को नागजगई, 31 मार्च को जालमल्ला, 1 अप्रैल को तैला धारकोट, 2 अप्रैल को ल्वारा व बडेथ, 3 अप्रैल को जाखधार व देवी, 4 अप्रैल को मैखंडा व पूलन बांगर, 5 अप्रैल को नैनी पौंडार व कालीमठ, 6 अप्रैल को बांसवाडा, 7 अप्रैल को गंगानगर व नारायणकोटी, 8 अप्रैल को सारी व खुमेरा, 9 अप्रैल को चोपता दुर्गाधार व गौरीकुंड एवं 10 अप्रैल को चन्द्रनगर में शिविरों को आयोजन किया जाएगा। बताया कि पशुओं के मेडिकल प्रमाण-पत्र जारी होने के उपरांत ही जिला पंचायत घोड़ा-खच्चर का पंजीकरण करेगा। वहीं शिविरों के बाद जिला पंचायत घोडा खच्चर मालिक, हॉकर एवं श्रमिकों के लाईसेंस व पंजीकरण का कार्य संपादित करेगा।

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