कश्मीर बंद

बुधवार को कश्मीर घाटी में 35 साल बाद पूर्ण बंद देखा गया। मस्जिदों के लाउडस्पीकरों से लोगों से बंद में शामिल होने की अपील की गई। पहलगाम, श्रीनगर, और अनंतनाग में बाजार बंद रहे और सडक़ों पर लोग आतंकवाद के खिलाफ एकता और ‘शांति की पुकार’ के नारे लगाते हुए प्रदर्शन करते दिखे। पहलगाम पर्यटन स्थल में हुई हत्याओं के विरोध में बंद के आह्वान का सभी क्षेत्रों के संगठनों ने समर्थन किया। कश्मीर घाटी में 35 साल में पहली बार आतंकी हमले के खिलाफ बुधवार को बंद रहा। हुर्रियत नेता और मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने भीषण हत्याओं के विरोध में बंद का आह्वान किया था। प्रमुख व्यापार निकायों, परिवहन संघों और नागरिक समाज समूहों ने भी हड़ताल का आह्वान किया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) सहित मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने बंद को अपना समर्थन दिया।