उत्तराखण्डराज्य
अवीवा इंडिया ने ‘इंश्योरेंस फॉर ऑल’ को लेकर जताई प्रतिबद्धता

हल्द्वानी। आईआरडीएआई की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड राज्य बीमा योजना की समीक्षा बैठक में अवीवा लाइफ इंश्योरेंस ने बीमा समावेश और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों और उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। कंपनी ने जमीनी स्तर पर अपनी पहलों की प्रगति और प्रभाव के महत्वपूर्ण आंकड़े साझा किए। समीक्षा बैठक के दौरान चीफ जनरल मैनेजर आरके शर्मा, जनरल मैनेजर अम्मू वेंकटरमना और डिप्टी जनरल मैनेजर भास्कर तीर्थरामन समेत आईआरडीएआई के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और क्षेत्र की प्रमुख बीमा प्रदाताओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
राज्य की प्रमुख बीमा प्रदाता के रूप में अवीवा ने राज्य में अपनी योजना के तहत उठाए गए प्रमुख कदमों को सामने रखा। इनमें पिछले साल करीब 150 अवीवा वेलनेस एडवाइजर की नियुक्ति करने, पहुंच आसान बनाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू करने और उत्तराखंड के कुछ सर्वाधिक वंचित क्षेत्रों में किफायती बीमा समाधान (इंश्योरेंस सॉल्यूशंस) उपलब्ध कराने जैसे कदम शामिल हैं। इन सभी कदमों से भारत के कोने-कोने तक बीमा की पहुंच बढ़ाने और ‘इंश्योरेंस फॉर ऑल बाय 2047’ (‘2047 तक सभी के लिए बीमा’) के आईआरडीएआई के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने को लेकर अवीवा की मजबूत प्रतिबद्धता नजर आती है।
समीक्षा के दौरान आरके शर्मा ने बीमा कंपनियों को तीर्थयात्रियों के लिए पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस कवरेज की संभावना तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया। यह भारत में आध्यात्मिक रूप से सर्वाधिक महत्वपूर्ण केंद्रों में शुमार और भौगोलिक रूप से जटिलताओं वाले उत्तराखंड में लोगों के जीवन की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने बीमा कंपनियों से लक्षित जागरूकता अभियान (टार्गेटेड अवेयरनेस कैंपेन) एवं आउटरीच प्रोग्राम शुरू करने की अपील भी की, जो कि उत्तराखंड की बीमा संबंधी विशेष जरूरतों के अनुरूप हो, जिससे अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जा सके।
अपना विजन साझा करते हुए अवीवा इंडिया के सीईओ एवं एमडी असित रथ ने कहा, ‘अवीवा में हम बीमा को केवल एक फाइनेंशियल प्रोडक्ट की तरह नहीं, बल्कि होलिस्टिक वेलबीइंग (संपूर्ण कल्याण) के प्रमुख माध्यम के रूप में देखते हैं, जिसमें शारीरिक, मानसिक, वित्तीय, सामाजिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य भी शामिल है। अपनी विभिन्न पहल के माध्यम से हम महिलाओं को सशक्त कर रहे हैं, आजीविका के अवसर सृजित कर रहे हैं और उत्तराखंड के गांवों में रेजिलिएंस (दृढ़ता) की एक संस्कृति विकसित कर रहे हैं।
राज्य की प्रमुख बीमा प्रदाता के रूप में अवीवा ने राज्य में अपनी योजना के तहत उठाए गए प्रमुख कदमों को सामने रखा। इनमें पिछले साल करीब 150 अवीवा वेलनेस एडवाइजर की नियुक्ति करने, पहुंच आसान बनाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू करने और उत्तराखंड के कुछ सर्वाधिक वंचित क्षेत्रों में किफायती बीमा समाधान (इंश्योरेंस सॉल्यूशंस) उपलब्ध कराने जैसे कदम शामिल हैं। इन सभी कदमों से भारत के कोने-कोने तक बीमा की पहुंच बढ़ाने और ‘इंश्योरेंस फॉर ऑल बाय 2047’ (‘2047 तक सभी के लिए बीमा’) के आईआरडीएआई के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने को लेकर अवीवा की मजबूत प्रतिबद्धता नजर आती है।
समीक्षा के दौरान आरके शर्मा ने बीमा कंपनियों को तीर्थयात्रियों के लिए पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस कवरेज की संभावना तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया। यह भारत में आध्यात्मिक रूप से सर्वाधिक महत्वपूर्ण केंद्रों में शुमार और भौगोलिक रूप से जटिलताओं वाले उत्तराखंड में लोगों के जीवन की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने बीमा कंपनियों से लक्षित जागरूकता अभियान (टार्गेटेड अवेयरनेस कैंपेन) एवं आउटरीच प्रोग्राम शुरू करने की अपील भी की, जो कि उत्तराखंड की बीमा संबंधी विशेष जरूरतों के अनुरूप हो, जिससे अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जा सके।
अपना विजन साझा करते हुए अवीवा इंडिया के सीईओ एवं एमडी असित रथ ने कहा, ‘अवीवा में हम बीमा को केवल एक फाइनेंशियल प्रोडक्ट की तरह नहीं, बल्कि होलिस्टिक वेलबीइंग (संपूर्ण कल्याण) के प्रमुख माध्यम के रूप में देखते हैं, जिसमें शारीरिक, मानसिक, वित्तीय, सामाजिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य भी शामिल है। अपनी विभिन्न पहल के माध्यम से हम महिलाओं को सशक्त कर रहे हैं, आजीविका के अवसर सृजित कर रहे हैं और उत्तराखंड के गांवों में रेजिलिएंस (दृढ़ता) की एक संस्कृति विकसित कर रहे हैं।