देहरादून। राज्य के चार प्रमुख मुद्दों को लेकर कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके आवास पर मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। शनिवार को उत्तराखंड राज्य की चार ज्वलंत प्रमुख समस्याओं के मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात कर राज्य में कुछ शरारती तत्वों द्वारा लगातार बिगाड़े जा रहे सांप्रदायिक सौहार्द, डीएवी महाविघालय समेत राज्य के केंद्रीय विश्वविघालय एच एन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविघालय से संबद्ध दस महाविघालयों में छात्र संघ चुनाव संपन्न कराने, उपनल कर्मचारियों के संबंध में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार की एसएलपी खारिज होने के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल करने की बजाय उपनल कर्मचारियों को समायोजित करने की नीति बनाने व राज्य के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविघालयों के साथ बरते जा रहे सौतेले व्यवहार पर विस्तार से चर्चा करते हुए इन मुद्दों पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही की जाने की मांग की।
धस्माना ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे पूरे राज्य के सीएम हैं और राज्य में रहने वाले प्रत्येक नागरिक चाहे वो किसी धर्म जाति का हो उसकी सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी है किंतु कुछ महीनों से राज्य के अलग अलग हिस्सों में कुछ शरारती तत्व प्रदेश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने में लगे हैं। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, देहरादून के मामलों का जिक्र करते हुए धस्माना ने सीएम से आग्रह किया कि वे राज्य के प्रशाशन व पुलिस को ऐसे तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दें। धस्माना ने सीएम से राज्य के अशासकीय महाविघालयों में छात्र संघ चुनाव ना करवाए जाने के उच्च शिक्षा विभाग के फैसले पर पुनर्विचार करते हुए तत्काल छात्र संघ चुनाव करवाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि छात्रों में छात्र संघ चुनाव ना करवाए जाने के निर्णय से भरी आक्रोश है और अगर चुनाव नहीं करवाए गए तो छात्रों का आक्रोश आंदोलन का रूप ले लेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धैर्य के साथ धस्माना द्वारा उठाए गए मुद्दों को सुना और आश्वाशन दिया कि राज्य में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी व सरकार सबकी सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने छात्र संघ चुनाव व उपनल कर्मचारियों के मुद्दे पर भी सकारात्मक रुख व्यक्त किया और उच्च शिक्षा के मामलों में सौंपे गए ज्ञापन का परीक्षण करवा कर यथोचित कार्यवाही करने का भरोसा दिया।