भारतीय वायुसेना से एमेज़ॉन तक, विभूति मंगल के करियर का प्रेरक सफर
नई दिल्ली। देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले सैन्य अधिकारी जब कॉर्पाेरेट जगत में कदम रखते हैं, तो यह सिर्फ करियर में बदलाव ही नहीं, बल्कि एक नए सफर की शुरुआत को भी उजागर करता है। सैन्य कर्मियों में रणनीतिक दृष्टिकोण, अनुशासन और अटूट धैर्य जैसे अद्वितीय गुण होते हैं। एमेज़ॉन का मिलिट्री प्रोग्राम इन्हीं गुणों को पहचानते हुए पूर्व सैनिकों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करता है, ताकि वे कंपनी में प्रभावशाली भूमिकाएँ निभा सकें। स्क्वाड्रन लीडर विभूति मंगल (सेवानिवृत्त) इसी प्रेरणादायक बदलाव की एक मिसाल हैं, जिन्होंने अपनी सैन्य सेवाओं और अनुभवों का उपयोग कर एमेज़ॉन में सफलता हासिल की है।
वर्ष 2012 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त की गईं विभूति मंगल ने 10 वर्षों तक भारतीय वायुसेना में सेवाएँ दीं। उन्होंने हेलीकॉप्टर अभियानों में विशेषज्ञता हासिल की और बचाव, टोही और हेलीकॉप्टर लॉन्च मिशन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विभूति पहली महिला अधिकारी हैं, जिन्हें कॉम्बैट असॉल्ट टीम (सी.ए.टी.) का हिस्सा बनने का प्रशिक्षण दिया गया। वे अंतर्राष्ट्रीय युद्ध अभ्यास में भाग ले चुकी हैं और भारत सरकार के लिए कई सफल बचाव मिशन संचालित कर चुकी हैं।
वर्ष 2022 में विभूति ने अपने सैन्य करियर से एमेज़ॉन का रुख किया। उन्होंने ग्लोबल आईटी मैनेजर के रूप में अपनी यात्रा शुरू की और उस टीम का हिस्सा बनीं, जो 24 घंटे ऑपरेशन्स टेक्नोलॉजी सर्विसेस (ओटीएस) का समर्थन करती है। उनकी सैन्य पृष्ठभूमि ने उनमें अदम्य सहनशक्ति और अनुकूलनशीलता का संचार किया, जिसे वे आज भी अपनी भूमिका में बखूबी लागू करती हैं।
विभूति कहती हैं, जिन चुनौतियों को मैं संभालती हूँ, वे मुझे एक बेहतर लीडर और टीम मेट बनाती हैं। सैन्य सेवा के दौरान उनमें जो जिम्मेदारी की भावना विकसित हुई, वह अब एमेज़ॉन में उनकी भूमिका में भी बखूबी झलकती है। उन्होंने आगे कहा, मैं अन्य महिला कर्मचारियों को काम और जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने के बारे में मार्गदर्शन देती हूँ। इसके साथ ही, पीडब्ल्यूडी की सहयोगी के रूप में, मैंने स्वेच्छा से भारतीय सांकेतिक भाषा सीखी है, ताकि उनके साथ बातचीत कर सकूँ। इससे मुझे अधिक संवेदनशील बनने और बेहतर स्टेकहोल्डर मैनेजमेंट में मदद मिली है।
स्वयंसेवक के रूप में, विभूति ने 2023 और 2024 में सफलतापूर्वक एम्प्लॉयी चौंपियन ग्रांट्स के लिए आवेदन किया। यह एमेज़ॉन की एक पहल है, जिसमें एम्प्लॉयीज़ गैर-लाभकारी संगठनों के लिए एक बार कॉर्पाेरेट अनुदान का अनुरोध कर सकते हैं। इस ग्रांट का उपयोग उत्तराखंड के नैना देवी रिज़र्व के सुदूर गाँवों में कौशल विकास और राजस्थान के जयपुर में छात्रों के लिए शैक्षणिक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए किया गया। विभूति ने इन फंड्स का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए इन इलाकों का दौरा किया, कार्य का निरीक्षण किया और यह सुनिश्चित किया कि लाभार्थियों को सही मायनों में इस समर्थन का लाभ मिले।